बुधवार, 26 मई 2010

ब्रह्मक्षत्रिय समाज, डहेली द्वारा बुज़ुर्गों का सम्मान समारोह





एक
तरफ जहां आज-कल बुज़ुर्गों की उपेक्षा करने उनकी समुचित

सेवा -सुश्रुषा करने के समाचार आये दिन देखते हैं, वहीँ अनेक

स्थानों पर उनके सम्मान और अभिनन्दन के महोत्सव मन को

राहत भी देते हैं


कल यानी 27 मई 2010 को श्री मारवाड़ी ब्रह्मक्षत्रिय समाज,

डहेली अपने स्वर्ण जयन्ती महोत्सव पर समाज के 16 ऐसे बुज़ुर्गों

को सार्वजनिक रूप से अभिनन्दित और सम्मानित कर रहा है

जिन्होंने अपने जीवन के 75 वसन्त पार कर लिए हैं



समाज के अध्यक्ष एवं मुख्य संयोजक वरिष्ठ समाजसेवी

श्री मनहर लाल काकू ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित

सांस्कृतिक कार्यक्रम में "माँ बाप ने भुलशो नहीं" की प्रस्तुति भी

होगी। समारोह में सक्रिय समाजसेवी श्री खूब चन्द खत्री तथा

मंच संचालक कवि अलबेला खत्री को समाज गौरव सम्मान से

विभूषित किया जायेगा


मैं तो जा रहा हूँ कल डहेली .........अपना सम्मान जो करवाना

है........और फिर पूरे आयोजन का सञ्चालन भी करना है



धन्यवाद और बधाई मनहर लाल काकू जी ! ऐसे आयोजन करके

आप हमारी पुरातन परम्पराओं की ध्वजा फहरा रहे हैं

keep it up !



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रविवार, 23 मई 2010

यह शक्ति नष्ट हुई कि अपनी सारी ज़िन्दगी कौड़ी कीमत की हो जाती है




महज किताबें पढ़ने का चटखारा लगा

कि ख़ुद की सार-असार विचार-शक्ति

कमज़ोर
पड़ जाने का डर है;

और एक बार यह शक्ति नष्ट हुई

कि अपनी सारी ज़िन्दगी कौड़ी कीमत की हो जाती है

- स्वामी विवेकानन्द




शनिवार, 22 मई 2010

आभार पाबला जी ! आभार अवधिया जी !




कल जब मैं एक आलेख टाइप कर रहा था तो अचानक ब्लोगर ने

पहले तो लिप्यान्तर करना बन्द कर दिया फिर ख़ुद ही कहीं
खो

गया, इस प्रकार वो पोस्ट नहीं हो सकीसोचा, थोड़ी देर में ठीक हो

जाएगा, लेकिन मैं हतप्रभ रह गया जब कोई भी ब्लॉग मेरे यहाँ नहीं

खुला, ब्लोग्वानी या चिट्ठाजगत के ब्लॉग पढ़ ही नहीं पा रहा था


जबकि जी के अवधिया ने बताया कि उनके यहाँ तो सब ठीक हैमैंने

बी एस पाबला जी से कहा तो उन्होंने तुरन्त मेरी मदद की और अपनी

तकनीकी क्षमताओं का प्रयोग करके जो हो सकता था, सब कर

दिया ..लगभग दो घंटे तक उन्होंने घर बैठे बैठे मेरे कंप्यूटर की

सफ़ाई की लेकिन जब ब्लोग्गर नहीं खुला तो उन्होंने खुलासा कर

दिया कि ये समस्या मेरे कम्प्यूटर की नहीं, नेट कनेक्शन की है



जो भी हो, पाबला जी ने जो तुरन्त सहायता की और मेहनत

की..मैं उसके लिए उनका मन से कृतज्ञ हूँ और साथ ही श्रद्धेय

अवधिया जी ने भी जो निर्देश मुझे दिए थे..उनके लिए भी मैं

उनका हार्दिक आभारी हूँ


ये दुनिया ऐसे ही चलती है .........


कौन किसका हबीब होता है

कौन किसका रकीब होता है

बन जाता है वैसा ही तआल्लुक

जैसा जिसका नसीब होता है


आभार पाबला जी !

आभार अवधिया जी !


गुरुवार, 20 मई 2010

सब मनुष्य देवता -तुल्य




कवि,

दार्शनिक

और तपस्वी के लिए

सब वस्तुएं पवित्र हैं,

सब घटनाएँ लाभदायक हैं,

सब दिन पवित्र हैं

और सब मनुष्य देवता -तुल्य


-एमर्सन


मंगलवार, 18 मई 2010

माता-पिता से बढ़ कर न कोई अल्लाह न भगवान है



मन्दिर में हो रही आरती , मस्जिद में अज़ान है

गुरुद्वारों में शबद गूंजते , चर्च में प्रे परवान है

जिनालयों में णमोकार, अगियारी ज्योतिमान है

बौद्ध मठों में मंगलगान है ........................

यही हमारा हिन्दुस्तान है ........................



काम अगर बच्चे करते हैं, क्यों नहीं करने देते ?

पेट अगर भरते हैं अपना, क्यों नहीं भरने देते ?

निर्धनता की कीचड़ से क्यों नहीं उभरने देते ?

मेहनत से किस्मत संवरे तो क्यों संवरने देते ?


मेहनत करने वाला बालक ही बनता बलवान है

पैसा पैसा जोड़ के इक दिन बन सकता धनवान है

मेहनत के दम पर कोरिया है, चाईना है, जापान है

मेहनत करना धर्म समान
है,

मेहनत इन्सां की पहचान है


_________________यही हमारा हिदुस्तान है

_______________अपना प्यारा हिन्दुस्तान है



जनम दिया जिन्होंने तुमको, पाला और पढ़ाया

ख़ुद गीले में जागे, पर सूखे में तुम्हें सुलाया

उनके दूध-औ-खून का कर्ज़ा तुमने ख़ूब चुकाया

उन्हीं के घर से निकाल उनको, वृद्धाश्रम भिजवाया


माता-पिता से बढ़ कर न कोई अल्लाह न भगवान है

माता-पिता ही गीता,बाइबल,श्री गुरुग्रंथ, कुरआन है

अपने माता-पिता का जग में जो करता अपमान है

पूत नहीं है,वो शैतान है

उससे मिलना पाप समान है

_______________यही हमारा हिदुस्तान है

______________अपना प्यारा हिन्दुस्तान है




मिट्टी,
लकड़ी,गोबर त्यागे, कांक्रीट अपनाया

ऊँचे भवन बनाए, दीवालों पर काँच सजाया

एसी,फ्रिज,गीजर,टीवी,कारों का ढेर लगाया

कार्बन डाई ऑक्साइड का गहरा जाल बिछाया


कर्म किए जैसे हमने, वैसा उनका भुगतान है

शुद्ध पवन के बिना श्वास लेना तो नर्क समान है

वृक्ष है तो ऑक्सीज़न है ऑक्सीज़न हैं तो प्राण है

वृक्ष नहीं तो सब वीरान है

वृक्ष उगाओ वृक्ष महान है

_______________यही हमारा हिदुस्तान है

_____________अपना प्यारा हिन्दुस्तान है




सरस्वती जैसी कई नदियों का हो चुका सफ़ाया

क्षिप्रा,तापी,चम्बल सबकी सिमट रही है काया

गंगा,यमुना,गोदावरी भी सूख रही है भाया

ज़्यादा दिन तक नहीं रहेगा हम पर इनका साया


जल का संकट गहराया, जल का सीमित परिमाण है

जल का सद उपयोग न सीखे,तो हम सब नादान हैं

जल का दुरउपयोग करे, वह काफ़िर है, बेईमान है

जल जीवन है, जल से जान है

जल को बचालो, जल भगवान् है

___________________यही हमारा हिदुस्तान है

_______________अपना प्यारा हिन्दुस्तान है




बाइबिल से झगड़ा करने

गुरुवाणी किस दिन आई ?

किस दिन अगियारी ने

देरासर को आँख दिखाई ?

किस दिन मस्जिद की मीनारें

मन्दिर से टकराई ?

और किस दिन चौपाई ने

आयत के घर आग लगाई ?

________________नानक जीसस महावीर बुद्ध

________________सारे एक समान हैं

________________मैं जिसको कहता हूँ राम

________________वो ही तेरा रहमान है

________________मेरे घर में गीता है और

________________तेरे घर कुरआन है

सब का आदर और सम्मान है

यही हमारा हिन्दुस्तान है .................................

यही हमारा हिन्दुस्तान है


___हाँ हाँ यही हमारा हिन्दुस्तान है

___अपना प्यारा हिन्दुस्तान है

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सोमवार, 17 मई 2010

और मैं साधना सरगम का कृतज्ञ हो गया ...........




बात
तब की है

जब हम करगिल युद्ध जीते थे और मैं

हमारे सूरमा शहीदों के सम्मान में ऑडियो अल्बम

"
तेरी जय हो वीर जवान "

का निर्माण कर रहा था


मैंने सात गीत लिखे थे जिन्हें अलग-अलग गायकों

के स्वर में पिरो कर अल्बम बनाना था

चूंकि इसका सारा खर्च मैं ख़ुद कर रहा था और HMV के

द्वारा रिलीज़ होने पर इसकी सारी रौयल्टी भी शहीद परिवार

फंड के लिए ही व्यय होनी थी इसलिए मेरे पास

बजट भी सीमित था और समय भी................



शेखर सेन ,उद्भव ओझा , जसवंत सिंह और अर्णब की रेकॉर्डिंग

हो चुकी थी सिर्फ़ साधना सरगम का एक गीत बाकी था

संयोग से उस दिन मुंबई में ऐसा बादल फटा कि पानी-पानी

हो गया ............अब मैं घबराया क्योंकि यदि साधना नहीं आती है

तो स्टूडियो अन्य लोगों का खर्च बेकार जाएगा और

बड़ी तकलीफ ये कि उसके बाद 20 दिन तक स्टूडियो

मिलेगा भी नहीं



चूंकि मैं साधना जी को मानधन भी बहुत कम दे पा रहा था

इसलिए मुझे शंका हुई कि साधना शायद भारी बरसात और

जल जमाव के बहाने डंडी मार देगी,

गाने के लिए नहीं आएगी .........



लेकिन कमाल________कमाल !


साधना तो गई ......


कार पानी में फंस गई तो ऑटो रिक्शा किया,

वह भी फंस गया तो कमर के ऊपर तक सड़क पर भरे

पानी में पैदल - पैदल चल कर आई लेकिन आई और

आते ही कहा- सौरी अलबेलाजी मैं थोड़ा लेट हो गई __

मैं हैरान रह गया कि वह पहुँची कैसे ? और महानता

उस महिला कि ये कि लेट होने के लिए भी सौरी बोल रही है



मैंने कहा- पूरा भीग चुकी हो, पहले गर्म गर्म चाय पी लो,

साधना ने कहा - नहीं टाइम बिल्कुल नहीं है ...

चाय बाद में पियूंगी पहले आपका काम ..........


साधना ने तिरंगे वाला गाना "हम को तुम पर नाज़ है "

गाया और ऐसा गाया कि सबको भाव विभोर कर दिया

विशेषकर गीत के अन्त में जो आलाप लिया उसने तो

पूरी यूनिट को रुला दिया, साधना स्वयं भी सुबक उठी थी ।

बाद में फोन करके बताया कि कल्याणजी भाई

(कल्याणजी आनंदजी) ने भी इस गीत को बहुत पसंद किया



तो मित्रो ! यह थी साधना सरगम की सुहृदयता और विनम्रता

जिसके प्रति मैं सदा कृतज्ञ रहूँगा ...क्योंकि वो इतने पानी में

पैदल चल कर सिर्फ़ इसलिए आई थी कि वह जानती थी

मैं कितनी मुश्किलों में उस अल्बम को बना रहा था

यदि किसी कारण अटक गया तो कई दिनों के लिए लटक

जाएगा ....


धन्यवाद ..साधना !


बहुत बहुत धन्यवाद ! हार्दिक आभार कृतज्ञता



-अलबेला खत्री
















साधना सरगम, अर्नब चटर्जी एवं अलबेला खत्री















अलबेला खत्री, अन्नू कपूर एवं कोमोडोर एफ़. दुभाष