मन-मस्तिष्क को प्रफुल्लित व गर्वित करने वाली घटनाओं संस्मरणों व सुखद अनुभूतियों को साझा करने का प्रयास
शनिवार, 22 मई 2010
आभार पाबला जी ! आभार अवधिया जी !
कल जब मैं एक आलेख टाइप कर रहा था तो अचानक ब्लोगर ने
पहले तो लिप्यान्तर करना बन्द कर दिया फिर ख़ुद ही कहीं खो
गया, इस प्रकार वो पोस्ट नहीं हो सकी। सोचा, थोड़ी देर में ठीक हो
जाएगा, लेकिन मैं हतप्रभ रह गया जब कोई भी ब्लॉग मेरे यहाँ नहीं
खुला, ब्लोग्वानी या चिट्ठाजगत के ब्लॉग पढ़ ही नहीं पा रहा था।
जबकि जी के अवधिया ने बताया कि उनके यहाँ तो सब ठीक है। मैंने
बी एस पाबला जी से कहा तो उन्होंने तुरन्त मेरी मदद की और अपनी
तकनीकी क्षमताओं का प्रयोग करके जो हो सकता था, सब कर
दिया ..लगभग दो घंटे तक उन्होंने घर बैठे बैठे मेरे कंप्यूटर की
सफ़ाई की लेकिन जब ब्लोग्गर नहीं खुला तो उन्होंने खुलासा कर
दिया कि ये समस्या मेरे कम्प्यूटर की नहीं, नेट कनेक्शन की है ।
जो भी हो, पाबला जी ने जो तुरन्त सहायता की और मेहनत
की..मैं उसके लिए उनका मन से कृतज्ञ हूँ और साथ ही श्रद्धेय
अवधिया जी ने भी जो निर्देश मुझे दिए थे..उनके लिए भी मैं
उनका हार्दिक आभारी हूँ।
ये दुनिया ऐसे ही चलती है .........
कौन किसका हबीब होता है
कौन किसका रकीब होता है
बन जाता है वैसा ही तआल्लुक
जैसा जिसका नसीब होता है
आभार पाबला जी !
आभार अवधिया जी !
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धन्यवाद. मुझे भी पता चल गया कि अगली बार मुझे किसको तंग करना है :)
जवाब देंहटाएंअवधिया जी और पाबला जी के क्या कहने
जवाब देंहटाएंएक दूसरे की सहायता करने का जजवा अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंबैसे हम बता दें कि न जाने लोगों ने क्या कर दिया है अपने वलागों को कि उन्हें खोलना मुसकिल हो गया है व टिप्पणी करना तो असम्भव
पाबला जी का बलाग उनमें से है बैसे हमें भी उनका धन्यावद करना था पत्रिका में छपा लेख हमारे तक पहुंचाने के लिए पर क्या करें उनका बलाग खुल ही नहीं पाया आशा है वो हमारा धन्यावाद यहीं सवीकार कर लेंगे हो सके तो आप बता देना जी
बी-जगत की अशांति में ऐसी खबरें सकून दे जाती हैं।
जवाब देंहटाएंबी-जगत की अशांति में ऐसी खबरें सकून दे जाती हैं।
जवाब देंहटाएंमैं आपके किसी काम आ पाया, अच्छा लगा
जवाब देंहटाएं@ सुनील दत्त जी मेरा कौन सा ब्लॉग खुलने में समस्या आड़े आई?
धन्यवाद. मुझे भी पता चल गया कि अगली बार मुझे किसको तंग करना है :)
जवाब देंहटाएंएक दूसरे की सहायता करना तो हम सभी का कर्तव्य है जी, इसमें आभार कैसा?
जवाब देंहटाएंऔर हाँ, आपके इस पोस्ट के प्रकाशित होने के दो-तीन मिनट में ही इस पर नापसन्द का एक चटका लग चुका था। लगता है कि किसी सज्जन को या तो यह पोस्ट पसन्द नहीं आई या फिर पाबला जी या मैं (यह भी हो सकता है कि हम दोनों ही) पसन्द नहीं आये।
my first vote . itne log comment dene aa gaye lekin inse vote na diya gaya, kyon bhala ?
जवाब देंहटाएंकौन किसका हबीब होता है
कौन किसका रकीब होता है
बन जाता है वैसा ही तआल्लुक
जैसा जिसका नसीब होता है
पाबला जी दा ज़वाब नहीं ।
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