रविवार, 17 जनवरी 2010

मौत भी न व्यर्थ जाने दी उसी उस्ताद ने ........



जीते जी भी

जिन्होंने अपना सर्वस्व लगा दिया था दाव पर

साम्यवादी सादगी और सामाजिक समभाव पर

मौत भी व्यर्थ जाने दी उसी उस्ताद ने

धरती माँ का क़र्ज़ चुकता कर दिया औलाद ने


देह अपनी कर गये जो दान

उन्हें मेरी

हार्दिक आदरांजलि


दिवंगत

ज्योति बाबू बसु को

विनम्र श्रद्धांजलि



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